What Is Computer Network and Types पूरी जानकारी हिंदी में

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अगर आप नेटवर्क के बारे में जानकारी खोज रहे हो आपके मन में भी यह सवाल है network kya hota hai और कैसे काम करता है तो आज हम आपको Network Hindiमें समझाने वाले है।

आज के इस लेख में हम नेटवर्क क्या है?, नेटवर्क के प्रकार, और इसके क्रय करने के तरिके और अन्य सभी महत्पूर्ण बाटे जो हमें पता होनी चाहिए उनके बारे में जानेगे।

नेटवर्क (Network) क्या है
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Table of Contents


नेटवर्क क्या है?

नेटवर्क आपस में एक दूसरे से जुड़े कम्प्यूटरों का समूह है जो एक दूसरे से संचार स्थापित करने तथा सूचनाओं, संसाधनों को साझा इस्तेमाल करने में सक्षम होते हैं। जैसे—प्रिंटर इत्यादि।

किसी भी नेटवर्क को स्थापित करने के लिए प्रेषक, प्राप्तकर्ता, माध्यम तथा प्रोटोकॉल की आवश्यकता होती है। विश्व का प्रथम कम्प्यूटर नेटवर्क ARPANET है।

  1. प्रोटोकॉल (Protocol): प्रोटोकॉल किसी भी नेटवर्क में विशेष नियमों तथा मानकों का समूह है जिसके नियमानुसार डेटा स्थानान्तरण तथा आपस में एक दूसरे कम्प्यूटरों को जोड़ा जाता है।
  2. नोड (Nodes): किसी नेटवर्क में नोड एक कनेक्सन प्वाइंट है जहाँ डेटा ट्रांसमिशन का अंत होता है या वहाँ से पुनः डेटा का वितरण होता है । प्रदान करते हैं। यह नेटवर्क में सबसे महत्त्वपूर्ण तथा शक्तिशाली कम्प्यूटर है। सर्वर एक सेन्ट्रल
  3. सर्वर (Server): सर्वर मुख्य कम्प्यूटर है जो नेटवर्क से जुड़े दूसरे कम्प्यूटरों को रिसोर्सेस कम्प्यूटर है जो बहुत सारे PCs, वर्कस्टेशन्स और अन्य कम्प्यूटरों के लिए डाटा और प्रोग्रामों के संग्रह को होल्ड करता है।
  4. टर्मिनल (Terminal): यह मेनफ्रेम या सुपर कम्प्यूटर के संसाधनों का साझा इस्तेमाल के लिए उपयोग होता है।
  5. डम्ब टर्मिनल (Dumb Terminal): यह नगण्य इंटेल्जेिंस वाला कम्प्यूटर है।

नेटवर्क के लिए आवश्यक उपकरण (Networking Devices)

बहुत सरे लोगो क्वे मन में ऐसा सवाल आ सकता है की नेटवर्क डिवाइस क्या है या नेटवर्क स्थापित करने के लिए मुख्य उपकरण कोण कौन से हो सकते है तो वो निम्नलिखित हैं। नेटवर्क स्थापित करने के लिए आवश्यक उपकरण (Networking Devices):

  1. रिपीटर्स (Repeaters)
  2. ब (Hub )
  3. गेटवे (Gateways)
  4. स्विच (Switches)
  5. राउटर्स (Routers)

नेटवर्क के प्रकार (Types of Network in Hindi)

1. लोकल एरिया नेटवर्क (Local Area Network)

यह एक कम्प्यूटर नेटवर्क है, जिसके अन्दर छोटे भौगोलिक क्षेत्र जैसे– घर, ऑफिस, भवनों का एक छोटा समूह या हवाई अड्डा आदि में कम्प्यूटर नेटवर्क है। वर्तमान लैन ईथरनेट तकनीकी पर आधारित है। इस नेटवर्क का आकार छोटा, लेकिन डेटा संचारण की गति तीव्र होती है। लोकल एरिया नेटवर्क (Local Area Network) को ही हम स्थानीय क्षेत्र नेटवर्क या LAN कहते है।

2. वाइड एरिया नेटवर्क (Wide Area Network)

इस नेटवर्क में कम्प्यूटर आपस में लीज्ड लाइन या स्विचड सर्किट के द्वारा जुड़े रहते हैं। यह नेटवर्क व्यापक भौगोलिक क्षेत्र देश, महादेश में फैला नेटवर्क का जाल है। इंटरनेट इसका अच्छा उदाहरण है। भारत में CMC द्वारा विकसित इंडोनेट वैन का उदाहरण है। बैंकों द्वारा प्रदत्त ATM सुविधा  वाइड एरिया नेटवर्क का उदाहरण है। वाइड एरिया नेटवर्क (Wide Area Network) को ही हम व्यापक क्षेत्र नेटवर्क या WAN कहते है।

3. मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क (Metropolitan Area Network-MAN)

मेट्रोपोलिटन एरिया नेटवर्क (MAN) दो सीमाओं के भीतर स्थित या दो से अधिक लोकल एरिया नेटवर्क को जोड़ता है। यह शहर कम्प्यूटरों का नेटवर्क है। राउटर्स, स्विच और हब्स मिलकर एक MAN का निर्माण करते हैं।


नेटवर्क टोपोलॉजी क्या है? – What is Network Topology in Hindi

नेटवर्क टोपोलॉजी विभिन्न नोड्स या टर्मिनल को आपस में जोड़ने का तरीका है। यह विभिन्न नोड्स के बीच भौतिक संरचना को दर्शाता है।

नेटवर्क टोपोलॉजी के प्रकार (Type of Network Topology in Hindi)

  1. मेस (Mesh) नेटवर्क: यह नेटवर्क उच्च ट्रैफीक स्थिति में मार्ग (Routes) को ध्यान में रखकर उपयोग किया जाता है। इसमें किसी भी स्रोत (Source) से कई मार्गों से संदेश भेजा जा सकता है। पूर्णतः इन्टरकनेक्टेड मेस नेटवर्क खर्चीला है, क्योंकि इसमें ज्यादा केबल (Cable) तथा हर नोड में इंटेलिजेंस की आवश्यकता होती है। इस नेटवर्क में उच्च सुरक्षा अनुप्रयोग में डाटा प्रेषित किया जाता है।
  1. स्टार ( Star) नेटवर्क: इस नेटवर्क में एक केन्द्रीय रोड (Central Node) होता है जो इंटेलिजेंस से युक्त होता है। बाकी नोड्स इससे जुड़े रहते हैं। इस केन्द्रीय नोड को हब (Hub) कहते हैं। कोई एक केबल (Cable) में कोई कठिनाई आने पर एक ही नोड विफल होता है परन्तु अगर हब में कोई कठिनाई आती है तो सारा नेटवर्क विफल हो जाता है।
  1. रिंग (Ring) नेटवर्क: इस नेटवर्क में सभी नोड्स में समान रूप से इंटेलिजेंस होता है। डेटा का प्रवाह हमेशा एक ही दिशा में होता है परन्तु किसी भी एक केबल या नोड में कठिनाई आने पर दूसरे दिशा से संचार संभव है।
  1. बस (Bus) नेटवर्क: इस नेटवर्क में सभी नोड्स एक ही केवल में जुड़े रहते हैं। कोई भी नोड किसी दूसरे नोड को डेटा प्रेषित करना चाहता है तो उसे देखना होता है कि बस में कोई डेटा प्रवाहित तो नहीं हो रहा है। बस खाली रहने पर नोड डेटा प्रेषित कर सकता है। डेटा प्राप्त करने के लिए हर नोड के पास इतनी इंटेलिजेंस होनी चाहिए कि वह बस से अपने पता (address ) ज्ञात कर डेटा प्राप्त कर सके। इसमें कम केबल की आवश्यकता होती है तथा कोई नया नोड जोड़ना आसान होता है। परन्तु प्रमुख ट्रांसमिशन लाइन में कठिनाई आने पर सारा नेटवर्क विफल हो जाता है।

मॉडुलेशन क्या है?

यह किसी जानकारी (Information ) को लम्बी दूरी तक सिग्नल के रूप में भेजने के लिए उपयोग होता है। मॉडुलेशन डिजिटल सिग्नल को एनालॉग रूप में बदलने की प्रक्रिया है। यह मॉडम (MODEM-Modulactor-Demodulator) के द्वारा संभव होता है। मॉडम एक विद्युत यंत्र है जो डिजिटल सिग्नल को एनालॉग सिग्नल में बदलकर भेजता है, तथा एनालॉग सिग्नल को डिजिटल सिग्नल में बदलकर प्राप्त करता है।

मॉडुलेशन तीन प्रकार के होते हैं

  1. आयाम (Amplitude) मॉडुलेशन: इस प्रक्रिया में वाहक सिग्नल का आयाम सूचना युक्त डिजिटल सिग्नल के अनुरूप बदला जाता है।
  2. आवृत्ति (Frequency) मॉडुलेशन: इस प्रक्रिया में वाहक सिग्नल की आवृत्ति को सूचना युक्त डिजिटल सिग्नल के अनुरूप बदला जाता है।
  3. चरण (Phase) मॉडुलेशन: इस प्रक्रिया में वाहक सिग्नल के फेज (phase) को डिजिटल सिग्नल के अनुरूप बदला जाता है।

डेटा ट्रांसमिशन सेवा (Data Transmission Servic) क्या है?

डेटा को एक स्थान से दूसरे स्थान भेजने के लिए जिस सेवा का उपयोग होता है उसे डेटा ट्रांसमिशन सेवा कहते हैं। इस सेवा को देने वाले को डेटा ट्रांसमिशन सेवा प्रदाता (Data Transmission Service Provider) कहते हैं। जैसे :

  1. VSNL -विदेश संचार निगम लिमिटेड
  2. BSNL – भारत संचार निगम लिमिटेड
  3. MTNL – महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड

डेटा ट्रांसमिशन सेवा के प्रकार

डेटा ट्रांसमिशन सेवा के प्रकार निम्नलिखित हैं:

1. डायल अप लाइन (Dial up line)

डायल अप लाइन टेलीफोन कनेक्शन से संबंधित है जो एक सिस्टम में बहुत सारे लाइनों तथा यूजरों से जुड़ा है। इसका उपयोग टेलीफोन की तरह नम्बर डायल कर संचार स्थापित करने में किया जाता है। इसे कभी-कभी स्विच्ड लाइन भी कहा जाता है। यह पहले से विद्यमान टेलीफोन सेवा का उपयोग करता है। ब्राडबैंड तकनीक भी डायल अप कनेक्शन के द्वारा ही उपयोग होता है।

2. लीज्ड लाइन (Leased line) 

लीज्ड लाइन आवाज और डेटा दूरसंचार सेवा के लिए दो स्थानों को जोड़ती है। यह एक सिर्फ, समर्पित लाइन (Dedicated Cable) नहीं है, बल्कि यह वास्तव में दो बिन्दु के बीच आरक्षित सर्किट है। यह कम या ज्यादा दोनों दूरी में संभव है। इसे समर्पित (Dedicated) लाइन भी कहते हैं। इसका सबसे अधिक उपयोग उद्योगों द्वारा अपने शाखा कार्यालयों को जोड़ने के लिए किया जाता है, क्योंकि यह नेटवर्क ट्रैफिक के लिए बैंडविड्थ की गारंटी देता है।

3. एकीकृत सेवा डिजिटल नेटवर्क (ISDN-Integrated Services Digital Network)

एकीकृत सेवा डिजिटल नेटवर्क सर्किट स्विच्ड टेलीफोन नेटवर्क के माध्यम से आवाज, डेटा और छवि का स्थानान्तरण है। इस सेवा के अन्तर्गत आवाज, डेटा या छवि डिजिटल रूप में भेजा जाता है अतः शोर से बिल्कुल मुक्त रहता है। इस लाइन में कई उपकरणों को संलग्न किया जा सकता है, और जरूरत के अनुरूप इस्तेमाल किया जा सकता है। अर्थात् ISDN लाइन लोगों की पूरी संचार व्यवस्था की देखभाल कर सकता है। इस सेवा में मॉडम की आवश्यकता नहीं होती है क्योंकि डेटा का आदान प्रदान डिजिटल रूप में होता है।

नेटवर्क इंटरफेस (NIC-Network Interface Card) क्या होता है?

यह एक हार्डवेयर डिवाइस है जो कम्प्यूटर को नेटवर्क में संचार स्थापित करने में सक्षम बनाता है। नेटवर्क के अन्तर्गत कम्प्यूटर एक निश्चित प्रोटोकॉल के तहत् डेटा पैकेट का आपस में आदान-प्रदान करते हैं ।

वायरलेस तकनीक (Wireless Technology) क्या है?

वायरलेस तकनीक जैसा कि नाम से ज्ञात होता है यह बिना तारों (wire) की तकनीक है। अर्थात् इसके द्वारा डेटा का परिवहन बिना तारों या केबल के होता है। इस तकनीक के प्रयोग से केबल के खर्च भी बचत होती है। इस तकनीक में केबल के स्थान पर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगों, माइक्रोवेव, इन्फ्रारेड तरंगों आदि के द्वारा डेटा का परिवहन होता है। वायरलेस तकनीक के अनुप्रयोग निम्नलिखित हैं–टेलीविजन रिमोट कंट्रोल, सेलुलर फोन, वाई-फाई आदि। 

वाई-मैक्स (WiMAX-World wide Interoperability for Microwave Access) क्या है?

यह एक डिजिटल वायरलेस संचार प्रणाली है। यह तकनीक बिना केबल के 75 MB / सेकंड ब्रॉडबैड स्पीड प्रदान करता है।

वायरलेस लोकल लूप (WLL-Wireless Local Loop) क्या है?

यह एक वायरलेस संचार प्रणाली है जिसमें उपभोक्ता नेटवर्क से रेडियो आवृत्ति (Radio Frequency) के प्रयोग से जुड़ते हैं। यह बेहतर आवाज तथा उच्च गति डेटा क्षमता प्रदान करता है। जिस स्थान पर लैंडलाइन टेलीफोन कनेक्शन का प्रावधान संभव नहीं है वहाँ वायरलेस लोकल लूप तकनीक प्रभावी सेवा है। यह सी डी एम ए (Code Division Multiple Access) पर आधारित है। आजकल यह नेटवर्क के लिए लोकप्रिय साधन है।


निष्कर्ष

आज हमने आपको Network के बारे जानकारी दी जिसमें हमने नेटवर्क क्या है और इसके उपरकण के बारे में जाना। व अन्य बहुत साडी महत्पूर्ण बातें हमने नेटवर्क के बारे में समझी। आज के समय में नेटवर्क का होना बहुत जरूरी है कंप्यूटर के इस युग में नेटवर्क की वजह से ही आप इस लेख को पढ़ पा रहे है।

FAQs on Network

नेटवर्क को हिंदी में क्या कहते हैं?

नेटवर्क को हिंदी में समूह 3कहा जाता है। अगर इसे वैज्ञानिक दृस्टि से समझे इसे संचार तंत्र या इंटरनेटकहा जाता हैं।

कंप्यूटर में नेटवर्किंग क्या है?

जब हम दो या दो से अधिक कंप्यूटर को एक साथ कनेक्ट कर लेते है तो वह कंप्यूटर में नेटवर्किंग कहलाती है इसे कई तरीको से किया जा सकता है। केबल की मदद से इंटरनेट की मदद से और वायरलेस डिवाइस की हेल्प से हम कंप्यूटर नेटवर्किंग कर सकते है।

नेटवर्क का मुख्य उद्देश्य क्या है?

Network उदेश बहुत सरे कंप्यूटर को एक साथ कनेक्ट करके किसी एक फाइल या प्रोजेक्ट को बहुत सारे लोगों तक पहुंचना होता है। ताकि सभी लोग उस फाइल को या उस प्रोजेक्ट को अपने हिसाब से करें और काम जल्दी हो।

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